NEELAM GUPTA

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मेरे पापा

मेरे पापा

मेरे पापा के दुलार के आगे।
फीका सारा संसार।
कभी ना हिम्मत हारे ।
ऐसे मेरे पापा का विश्वास।
उनसे गुन्जे घर में खुशियाँ।
उठाए रखे पूरे घर का भार।
कितना भी खुद परेशान हो ।
भनक ना लगने देते।
हमेशा कहते सब ।
कुछ है बढ़िया।
घर में ज़रा भी ।
दुख ना पनपने देते।
मुश्किलों में सबसे आगे।
खुशियाँ भर भर लुटाए।
आई ससुराल से बेटी की।
एक मुस्कान पर वारी वारी जाए।
कोई कमी ना रहने देते उसकी।
जिम्मेदारी में।
कितना चाहे पढ़ो तुम।
बस संतुष्ट हमेशा रहो तुम।
आस लगाते सबसे बस।
एक मीठी मुस्कान की।
नहीं चाहिए कोई धनराशि।
यही है उनका मथुरा काशी।

नीलम गुप्ता🌹🌹( नजरिया )🌹🌹
दिल्ली 

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7 Comments

Mukesh Duhan

20-Jun-2021 11:28 PM

बहुत सुंदर जी

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Aliya khan

20-Jun-2021 11:11 PM

बेहतरीन

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NEELAM GUPTA

20-Jun-2021 09:32 PM

आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद

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